International Yoga Day 2024: साल 21 जून को पूरा विश्व अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए एक साथ आता है। यह वैश्विक परिघटना प्राचीन भारतीय योग पद्धति तथा शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण पर इसके गहन प्रभाव को मान्यता देती है। बने रहिए इस आर्टिकल में आपको काफी कुछ जानने को मिलेगा.
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International Yoga Day 2024
भारत ने दुनियाभर में योग का प्रचार-प्रसार किया है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योग को खास पहचान दिलाई है। योग को पूरी दुनिया में फैलाने और इसके फायदों के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 2014 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्ताव रखने के साथ की थी। जिसके बाद से हर साल 21 जून को इंटरनेशनल योग डे मनाया जाने लगा है।
योग शब्द संस्कृत शब्द “युज” से निकला है, जिसका अर्थ है “जोड़ना” या “एकजुट करना”, तथा यह मन, शरीर और आत्मा में सामंजस्य लाने के दर्शन का प्रतीक है। यह केवल शारीरिक आसनों से कहीं अधिक है, क्योंकि यह स्वास्थ्य के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण है, जो श्वास व्यायाम, ध्यान और नैतिक सिद्धांतों को एकीकृत करता है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, “‘योग’ शब्द संस्कृत मूल ‘युज’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘जुड़ना’ या ‘जोड़ना’ या ‘एकजुट होना’। योग शास्त्रों के अनुसार योग का अभ्यास व्यक्तिगत चेतना को सार्वभौमिक चेतना के साथ जोड़ता है, जो मन और शरीर, मनुष्य और प्रकृति के बीच पूर्ण सामंजस्य का संकेत देता है।”
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21 जून को क्यों मनाते हैं योग दिवस ( International Yoga Day )
आपके मन में ये सवाल जरूर आया होगा कि आखिर योग दिवस मनाने के लिए 21 जून की तारीख को ही क्यों चुना गया है। दरअसल इस दिन योग दिवस मनाने के पीछे की एक खास वजह है। 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन माना जाता है। जिसे ग्रीष्म संक्रांति भी कहते हैं। ये दिन उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन होता है। इसके बाद सूर्य दक्षिणायन में प्रवेश करता है। इस दिन को योग और अध्यात्म के लिए बेहद खास माना जाता है। यही वजह है कि 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया गया।
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International Yoga Day 2024:अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस क्यों मनाया जाता है ?
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस योग के अनेक लाभों के बारे में दुनिया भर में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। यह उस प्राचीन भारतीय प्रथा को मान्यता देने का दिन है, जो मानसिक और शारीरिक कल्याण पर केंद्रित है।
योग दिवस मनाने के पीछे के कारणों का विवरण इस प्रकार है:
-प्राचीन परंपरा: योग एक ऐसी प्रथा है, जिसकी उत्पत्ति हजारों वर्ष पहले भारत में हुई थी। इसे मनाने से इसके ऐतिहासिक महत्त्व को स्वीकार किया जाता है।
-समग्र स्वास्थ्य: योग शारीरिक व्यायाम से कहीं आगे जाता है। इसमें मानसिक और आध्यात्मिक पहलुओं को सम्मिलित किया गया है, तथा समग्र कल्याण की भावना को बढ़ावा दिया गया है।
-वैश्विक अपील: हाल के दिनों में योग की लोकप्रियता दुनिया भर में काफी बढ़ गई है। यह दिन इसकी सार्वभौमिक स्वीकृति का जश्न मनाता है।
सितंबर 2014 में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) को संबोधित किया। अपने भाषण के दौरान उन्होंने प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा।
प्रधानमंत्री मोदी ने योग के कल्याणकारी लाभों तथा स्वास्थ्य के प्रति इसके समग्र दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस उत्सव के लिए 21 जून को आदर्श तिथि बताया, क्योंकि यह कई संस्कृतियों में महत्व रखती है और उत्तरी गोलार्ध में ग्रीष्म संक्रांति का दिन है।
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International Yoga Day 2024 Theme
योग दिवस का आयोजन हर साल किसी खास थीम को ध्यान में रखते हुए ही किया जाता है। इस साल यानि 2024 योग दिवस की थीम महिलाओं को चुना गया है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 की खास थीम ‘महिला सशक्तिकरण के लिए योग’ रखी गई है।
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FAQs International Yoga Day
Q. योग के जनक कौन है?
Ans: पतंजलि को आधुनिक योग का जनक कहा जाता है। भारत के कुछ हिस्सों में, तिरुमलाई कृष्णमाचार्य को आधुनिक योग का जनक भी माना जाता है।
Q. योग का पूर्ण रूप क्या है?
Ans: YOGA का पूर्ण रूप “Y हमारे उद्देश्य दिशानिर्देश और आकलन” है। योग धार्मिक और आध्यात्मिक परंपराओं की एक शाखा है, जो हिंदू धर्म की प्राचीन भारतीय प्रथा से ली गई है।